बेटियों को भी है दुनिया में जीने की आस
उन्हें भी है आसमां छूने की आस
उन्हें दुनिया की दर्पण देखने दो
उनके सामने सजने -सवरने और अलंकृत होने दो
मत छिनो उनसे उनका अधिकार
मिल कर दो उसे अपना आदर और प्यार
तभी वह आगे बढ़ पाएगी
अपनी डगर पर संभल के चल पाएगी
हम सब ने अब यह ठाना है
बेटियों को बचाना और पढ़ाना है
तभी होंगे एक सशक्त -सवल समाज का निर्माण
जिससे बढ़ेगा मेरा देश हिंदुस्तान।
✍️Kartik Kusum
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