मत मारो गुलेल से
मुझे उड़ने दो
मुझे हर वृक्षों की
डाली पर बैठने और चहकने दो
तूने तो
हर चिड़ियों को मार- मार कर
मुझे इस विजन में
कर दिया अकेला
जब से तूने डाला
विजन में डेरा
मुझ जैसी छोटी चिड़िया के लिए
हाथ में गुलेल लिए।
पाव भर गोश्त के लिए
हर उड़ती चिड़िया के पीछे
अंधाधुन दौड़ लगाकर
विजन की झाड़ियों- झुरमुट में फंसकर
अनेक यातनाएं और कष्ट सहकर
मिला तुझे सिर्फ पाव भर गोश्त
तेरे हृदय में
दया की भाव नहीं
तू निष्ठुर दैत्य सही
एक सहृदय
मानव बनकर दिखाओ
मत मारो गुलेल से
मेरी सुंदर गायन का लुफ्त उठाओ।
✍️ कार्तिक कुसुम

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