भारत के मौसम विभाग तथा राष्ट्रीय बाढ़ आयोग के अनुसार बाढ़ वह स्थिति है, जब नदी का जल खतरे के निशान के ऊपर अपवाहित होने लगती है। खतरे का निशान वर्षा ऋतु के औसत वर्षा और औसत अफवाह पर आधारित है। 20 से 30 सेंटीमीटर औसत वर्षा तक का लिया जाता है। वर्तमान समय में बाढ़ बिहार की सबसे बड़ी प्रकृति समस्या है। इसके कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का दो तिहाई भाग बाढ़ से प्रभावित रहता है। बिहार के कुल 28 जिले बाढ़ से प्रभावित है। हालांकि 2007 में 19 जिले मात्र बाढ़ से प्रभावित हुआ था। यहां बाढ़ एक प्राकृतिक विपदा जो निरंतर धन- जन की अपार क्षति पहुंचाती है। उत्तर बिहार की प्राय: सभी नदियां जिनमें कोसी, गंडक बागमती, कमला- बलान, महानंदा, अधवारा समूह की नदियां तथा भुतही-बलान आदि प्रमुख है जो हिमालय से निकलती है तथा नेपाल के पर्वतीय क्षेत्र से होते हुए इस राज्य में प्रवेश करती है यह नदियां अपने साथ बहुत अधिक सिल्ट (गाद) लाती है और अपनी तेज धारा के कारण किनारों को अप्रत्याशित रूप से कटाव करती है। जब तब इसकी धारा बदल भी जाती है जिससे इस क्षेत्र में बाढ़ का विनाशकारी रूप प्रकट होता। दक्षिणी मैदान (गंगा के दक्षिणी मै...