लेटा रहा घंटों बिस्तर पर
सूरज की किरने छिटक जाने पर
अधखुली आंखों से देखा
खिड़की से किरने आ रही थीं बिस्तर पर
इंगित कर रही थी किरणें
झट उठ और सैर को चले
अब भी नहीं उठा तुम तो
बीमारियों को लगा रहे हो गले
अब देर तुम मत लगाओ
मैदान में दौड़ लगाओ
करो व्यायाम कसरत और योग
रहो हमेशा सदा निरोग
स्वस्थ जीवन का आनंद उठाओ
सही दिनचर्या को अपनाकर
मत लेटा रहो घंटों बिस्तर पर
जब सूरज की किरने आप पड़े बिस्तर पर।
✍️ Kartik Kusum
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