भारत मां के लाल हैं हम
दुश्मन के लिए काल है हम
अनायास कोई छेड़े मुझे
उसके लिए भौकाल है हम
मेरे वैभव और प्रगति देख
दुनिया मुझे सलाम करें
यह माटी हिंद सनातन की
बच्चा-बच्चा श्री राम कहे
संत ऋषि - मुनि की परंपरा
पथ - प्रदर्शक रहे सदा
राम-कृष्ण की धुनी लगे
गंगा में हर -हर गंगेय।
महाकाल भस्म लगाए बैठे
कैलाश शीश झुकाएं यहां
कान्हा की टोली रासलीला करें
राधा होली खेले यहां
भारत जीवन दर्शन परंपरा
करे मानवता को तर्पण सदा
विश्व बंधुता की बात करें
कल्याण भाव रख आगे बढ़े
कोई आंख दिखाए गर
घोप दू सीने में खंजर
बन जाऊं मैं काल
क्योंकि,
भारत मां के लाल हैं हम
दुश्मन के लिए काल है हम।
✍️ kartik kusum yadav
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