उस निविड़ अरण्य का वासी
निश्चल ,निर्भीक रहने को आदि
हष्ट - पुष्ट भुजाएं विशाल छाती
आधे -कपड़े पहने धोती खाकी
सुबह से शाम खेत में मेहनत,
परिवार के लिए रोटी-दाल,
पर्यावरण के प्रति प्रेम,
वनदेवी का आशीर्वाद।
परिवार के साथ खुशहाल जीवन,
प्रकृति के बीच अथाह प्रेम
आदिम संस्कृति का संरक्षण,
वनवासी का संस्कार।
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