वनों की रक्षा के लिए,
आपने अपना जीवन समर्पित किया,
प्रकृति के संरक्षण के लिए,
आपने सर्वस्व तर्पण किया
आपके नेतृत्व में,
वनों की स्थिति में सुधार हुआ,
वनों के संरक्षण के प्रति,
आपका जूनून सदैव रहा।
आपकी विदाई से,
वन यथावत रहेगी, या नहीं ?
मुझे पता नहीं,
लेकिन आपकी यादें हमेशा,
हमारे दिलों में रहेंगी।
आपके उज्जवल भविष्य के लिए,
शुभकामनाएं देते हैं,
साथ उम्मीद करते हैं,
आप नई कर्मभूमि पर भी,
सफलता के मंजिलो को छुएंगे।
आप अपने कर्मों के प्रति
कभी विमुख नहीं होंगे ।
मैं तो सिर्फ याद करूंगा
आपके द्वारा दिए गए गुलमोहर
अब बड़े हुए, लगते कितने मनोहर
उनकी हरितमा लगे जैसे मधुवन
आपने ही तो सजाया यह उपवन
जब-जब लाल फूलों को देखूंगा
आपकी यादों में खो जाऊंगा।
आपकी यादों की अनन्त गोता में
मैं याद करूंगा
उन वनवासियों के बीच जो संगोष्ठी की
मैं याद करूंगा
वन अग्नि रोकने की जो प्रयत्न की
मैं याद करूंगा यह भी,
उस सघन वन की तिमिर बेला में कैसे आपने वन अग्नि पर काबू पाई।
मैं याद करूंगा
नागि-नकटी में आपके साथ बिताए पल
मैं याद करूंगा
यूरेशिया, मध्य एशिया, आर्कटिक सर्कल, रूस और उत्तरी चीन से आए पक्षियों का कलरव
मैं याद करूंगा
टाइगर बचाओ अभियान नुक्कड़ पर नाटक का मंचन।
यादों की दरिया में
आपकी यादे अनंत रहेगी।
मैं जब भी देखूंगा
दरीचे से पास लगे गुलमोहर
आपकी स्मृति सदैव रहेगी
सजीव , सुंदर और मनोहर।
✍️ Kartik Kusum Yadav
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