यार है, वह दोस्त है सबों का सखा है, विश्व बंधुत्व का पाठ योग से सिखाता है। सौम्य विचार, मधुर वाणी अधरों पर मुस्कान रवानी श्याम वर्ण, चेहरा नवल उसपर उनका ह्रदय धवल आज यकायक सुन खबर सभी का हृदय हुआ विह्वल दुर्घटनाग्रस्त हो गया, वह मेरा सखा विधि का विधान कोई रोक न सका शायद विधाता की यही थी मर्जी तभी तो मेरे सखा दुर्घटनाग्रस्त हुई चोटिल होकर जब मूर्च्छा हुआ होगा असहनीय पीड़ा, सखा तू कैसे सहा होगा ? वह मनुष्य देव तुल्य ही होगा जिसने तुम्हें , सड़क पर पड़ा देख दौड़ा होगा उस मनुज को कोटि-कोटि बधाई पर यह खबर सुनकर आंखें नम हुई भाई। आप कहा करते थे योग से युवाओं को जोड़ेंगे उनके शरीर को , तरुण और सशक्त करेंगे। रोग - रुग्णता न आस -पास होगी भारत देश होगा निरोगी इस सुनहरे सपने को किसकी बुरी नजर लग गई भाई। ✍️ Kartik Kusum Yadav